Success makes so many people hate you. I wish it wasn't that way. It would be wonderful to enjoy success without seeing envy in the eyes of those around you.
Sunday, April 26, 2020
Saturday, April 11, 2020
संसार को प्रसन्न करना कठिन होना !
https://www.youtube.com/user/haymukesh200
कुछ भी करें, लोग आलोचना करते ही हैं; इसलिए उस ओर ध्यान न देते हुए स्वयं को जो योग्य लगता है, वैसा आचरण करना ही हितदायक है । एक बार एक पिता-पुत्र एक घोडा लेकर जा रहे थे । पुत्रने पिता से कहा ‘‘आप घोडेपर बैठें, मैं पैदल चलता हूं ।’’ पिता घोडेपर बैठ गए । मार्ग से जाते समय लोग कहने लगे, ‘‘बाप निर्दयी है । पुत्र को धूप में चला रहा है तथा स्वयं आराम से घोडेपर बैठा है । यह सुनकर पिता ने पुत्र को घोडेपर बैठाया तथा स्वयं पैदल चलने लगे । आगे जो लोग मिले, वे बोले, ‘‘देखो पुत्र कितना निर्लज्ज है ! स्वयं युवा होकर भी घोडेपर बैठा है तथा पिता को पैदल चला रहा है ।’’ यह सुनकर दोनों घोडेपर बैठ गए । आगे जानेपर लोग बोले, ‘‘ये दोनों ही भैंसेके समान हैं तथा छोटेसे घोडेपर बैठे हैं । घोडा इनके वजन से दब जाएगा ।’’ यह सुनकर दोनों पैदल चलने लगे । कुछ अंतर चलनेपर लोगों का बोलना सुनाई दिया, ‘‘कितने मूर्ख हैं ये दोनों ? साथ में घोडा है, फिर भी पैदल ही चल रहे हैं ।’’ तात्पर्य : कुछ भी करें, लोग आलोचना ही करते हैं; इसलिए लोगों को क्या अच्छा लगता है, इस ओर ध्यान देने की अपेक्षा ईश्वर को क्या अच्छा लगता है, इस ओर ध्यान दीजिए । सर्व संसार को प्रसन्न करना कठिन है, ईश्वर को प्रसन्न करना सरल है ।
Subscribe to:
Posts (Atom)